teacher’s day special

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Introduction teacher’s day special 

गुरु 

हमारे जीवन के ऐसे मार्गदर्शक होते हैं जो हमें केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि सही सोच, संस्कार और जीवन जीने की कला सिखाते हैं। भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर से भी ऊँचा स्थान दिया गया है। पुरानी कहावत है – “गुरु बिन ज्ञान नहीं”। गुरु के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा माना जाता है।

भारत में हर साल 5 सितंबर को गुरु दिवस मनाया जाता है। यह दिन महान शिक्षक, दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है। जब उनके छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई तो उन्होंने कहा कि “मेरे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए।” तभी से यह दिन पूरे देश में गुरु दिवस के रूप में मनाया जाता है।

📌 गुरु का महत्व :teacher’s day special 

गुरु केवल किताबों का ज्ञान ही नहीं देते बल्कि वे जीवन में सफलता पाने का मार्ग भी दिखाते हैं। वे हमें अनुशासन, परिश्रम, सत्य, दया और सेवा जैसे मूल्यों का पाठ पढ़ाते हैं। गुरु ही वह शक्ति हैं जो हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं।

📌 आधुनिक समय में गुरु की भूमिका

आज तकनीकी युग में चाहे इंटरनेट और मोबाइल ने कितना भी ज्ञान उपलब्ध करा दिया हो, लेकिन गुरु का स्थान कोई नहीं ले सकता। ऑनलाइन क्लास से हम पढ़ाई कर सकते हैं, परंतु जीवन में सही दिशा और प्रेरणा केवल गुरु ही दे सकते हैं। एक अच्छा शिक्षक समाज की रीढ़ की हड्डी होता है, जो आने वाली पीढ़ी को सही दिशा में अग्रसर करता है।

📌 गुरु के प्रति कृतज्ञता :teacher’s day special 

गुरु दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट कर सकें। इस दिन विद्यार्थी अपने शिक्षकों को फूल, शुभकामना पत्र या छोटे-छोटे उपहार देकर धन्यवाद करते हैं। सबसे बड़ा उपहार यह है कि हम उनकी बातों को जीवन में अपनाएँ और उनके दिखाए मार्ग पर चलें।

📌 निष्कर्ष

गुरु दिवस हमें याद दिलाता है कि चाहे हम जीवन में कितनी भी ऊँचाइयाँ क्यों न छू लें, लेकिन अपने गुरुओं को कभी नहीं भूलना चाहिए। गुरु ही हमारे जीवन के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं। उनका आशीर्वाद ही हमारी सबसे बड़ी पूँजी है। इसलिए हर विद्यार्थी का यह कर्तव्य है कि वह अपने गुरु का सम्मान करे और उन्हें सच्चे दिल से प्रणाम करे।

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